Tuesday, February 17, 2009

कॉलेरा (हैजा)

कॉलेरा (हैजा) क्या है ?
कॉलेरा आंतों का इन्फेक्शन है जो बाइब्रियो कोलेरी के कारण होता है । जीवाणु की विषाक्तता इतनी अधिक होती है कि इससे हर आयु के लोगों में फैलकर महामारी का रूप ले सकता है ।

यह कैसे होता है ?
संक्रमित आहार या पान करने कारण जीवाणु वाइब्रियो कोलेरी शरीर में प्रवेश कर लेता है । यह तेजी से आन्तों की आन्तरिक लाइनिंग पर आक्रमण करता है । इससे कोशिकाओं से बड़ी में जलीयांश निकलने लगता है और चावल की धोवन के पानी जैसे अतिसार होने लगते हैं । इन्फेक्शन होने के 24-72 घण्टों में लक्षण आरंभ हो जाते हैं । एक बार लक्षण प्रकट होने के 3 से 6 घण्टे में घातक रूप ले लेते हैं । ब्लड प्रेशर कम हो जाता है और रोगी शॉक की अवस्था में चला जाता है ।

हैजा मुख्य लक्षण क्या हैं ?
हैजा के मुख्य लक्षण क्या है?
* अचानक अतिसार की शुरूआत । आरंभ में भूरे पतले दस्त होने के बाद पतले पानी जैसे दस्त लगते है - इसे राइस वाटर स्टूल्स कहते हैं ।
* कभी कभी मतली और वमन भी होते हैं ।
* अत्याधिक प्यास लगती है, प्यास के कारण मूर्छा भी हो सकती है ।
* शरीर से अत्याधिक जलीयांश जाने के कारण त्वचा, मुँह, गला सूखने लगता है ।
* मूत्र उत्सर्जन अति अल्प और गहरा पीला होता है ।
* नाडी तेज हो जाती है और कमजोर रहती है । कभी कभी मूर्छा भी हो सकती है ।
* अधिकतर बार बुखार नहीं होता, जैसा कि दूसरे इन्फेक्शन में होता है ।

हैजा का निदान कैसे हो?
हैजा में रक्त का परिमाण घातक तौर पर कम हो जाता है, इसलिए संदेहास्पद रोगी में रिपोर्ट आने के पहले ही ईलाज शुरू कर दिया जाता है ।
* एक तुरन्त परीक्षा के लिए डिप-स्टिक होती है
* पुष्टिकारक निदान के लिए मल की परीक्षा और कल्चर किया जाता है ।

इसकी चिकित्सा कैसे होती है ?
हैजा में सहायात्मक रूप से जलीयांश कम होने के कारण तुरन्त उसकी पूर्ति करना चिकित्सा का मुख्य उद्देश्य है । यह यह ओ.आर.एस. और अन्तशिरा द्वारा दिया जाता है ।
तीव्र रोगियों में एंटीबायोटिक, अतिसार कम करने में उपयोगी होते हैं । किन्तु सहायात्मक चिकित्सा ही मुख्य आधार होती है ।

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